Police Station Bail

 

 

Police किसी व्यक्ति को कब कब गिरफ्तार कर सकती है ?

सामान्यतः Police किसी व्यक्ति को निम्न तीन परिस्थितियों में गिरफ्तार कर सकती है :-

1. किसी व्यक्ति के खिलाफ किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा F.I.R. दर्ज करायी गयी हो

2. कोई अपराध होने या किसी के द्वारा करने की सूचना मिलने पर

3. किसी व्यक्ति के द्वारा कोई अपराध करते हुए पकडे जाने पर

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Police द्वारा की जानेवाली गिरफ्तारी कितने प्रकार की होती है ?

पुलिस गिरफ्तारी सामान्यतः दो प्रकार की होती है :-

वारंट के बिना गिरफ़्तारी

 I.P.C. की धारा 47 के मुताबिक वैसे अपराध जो संगीन और खतरनाक किस्म के हो , वैसे अपराधी को पुलिस बिना किसी वारंट के गिरफ्तार कर सकती है . उदहारण के तौर पर यदि किसी व्यक्ति ने किसी का खून कर दिया हो , बलात्कार का दोषी हो , देशद्रोह की गतिबिधियो में लिप्त हो, अपहरण किया हो, इत्यादि तो ऐसे मामलो में पुलिस अपराधी को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है . कुछ ऐसे विशेष मामले और भी है जिनमे पुलिस अपराधी को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है . जैसे :-

➤ यदि राज्य सरकार ने किसी व्यक्ति को अपराधी घोषित कर दिया हो
➤ यदि कोई अपराधी जेल से फरार हो गया हो या फरार होने की कोशिश करता हो
➤ यदि किसी व्यक्ति के पास सरकारी सामानों की चोरी का सामान मिला हो
➤ कोई व्यक्ति विदेश में जाकर ऐसा कार्य किया हो जिसे अपने देश में अपराध माना जाता हो
➤ पुलिस की उपस्थिति में यदि कोई व्यक्ति कोई अपराध करता हो
➤ यदि कोई व्यक्ति पुलिस के न्यायपूर्ण कार्य में बाधा डालने की कोशिश कर रहा हो
➤ यदि कोई सेना या अर्धसेना में कार्यरत सैनिक बिना अवकाश के भागकर घर पर आ गया हो लेकिन सेक्शन 41 से 45 के तहत सैनिको को कुछ छूट दिए गए है.
➤ अपराध करते समय पुलिस मौजूद हो और अपराधी के पकडे जाने के पश्चात् अपराधी किये गए अपराध के सम्बन्ध में गलत सूचना बता रहा हो इत्यादि

 

 वारंट के द्वारा गिरफ्तारी

संगीन और खतरनाक किस्म के अपराधो को छोड़कर बाकि सभी सामान्य अपराधो के लिए पुलिस को गिरफ्तार करने के लिए वारंट की आवश्यकता होती है. सामान्य अपराध के मामलो में पुलिस यदि किसी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार करती है तो व्यक्ति को अधिकार है की वह पुलिस से गिरफ्तारी का कारण पूछ सकता है और पूछने पर पुलिस को गिरफ्तारी का कारण बताना चाहिए . साथ में गिरफ्तार हुए व्यक्ति का अपराध यदि संगीन या खतरनाक न हो तो उसे पुलिस के द्वारा जमानत पर रिहा भी किया जाना चाहिए.

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क्या एक आम नागरिक Police के अलावा किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है?

जी हाँ ! एक आम आदमी किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है, बशर्ते की गिरफ्तारी के तुरंत बाद वो अपराधी को पुलिस के हवाले कर दे. C. R .P .C . की धारा 43 के अनुसार यदि किसी आम जनता के सामने कोई अपराधी किसी संगीन या खतरनाक अपराध को अंजाम दे रहा हो तो आम जनता उस अपराधी को गिरफ्तार कर पुलिस के हवाले कर सकती है. इसके अलावा अगर कोई अपराधी सरकार द्वारा इनामी अपराधी घोषित हुआ हो तो भी एक आम आदमी उसे गिरफ्तार कर पुलिस के हवाले कर सकता है , लेकिन इसमे एक अपवाद है और वो ये की कोई भी आम नागरिक किसी भी व्यक्ति को किसी अपराध के मामले में शक या संदेह के आधार पर गिरफ्तार नहीं कर सकता.

Police Station Bail .

 

 

क्या कोई Police किसी अपराधी को जान से मार सकता है ?

गिरफ्तारी के दौरान पुलिस अपराधी को पकड़ने के लिए सभी प्रकार के साधनों का प्रयोग कर सकता है . अगर अपराधी गिरफ्तारी के दौरान भागने का प्रयाश करता है तो भी पुलिस हर तरह के साधनों का प्रयोग कर उसे गिरफ्तार कर सकती है , लेकिन गिरफ्तार करते समय पुलिस किसी भी अपराधी को जान से नहीं मार सकती है . गिरफ्तारी के दौरान जान से मारने का अधिकार पुलिस को केवल वैसे अपराधियों के लिए ही है जिनको न्यायालय से मृत्यु दंड या उम्र कैद की सजा सुनाई गयी हो.

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Police आपके घर की तलाशी कब कब ले सकती है ?                                                                                         

घर की तलाशी नहीं ले सकती है .अगर आपका नाम किसी मुकदमे में दायर है और उस मुकदमे से सम्बंधित पुलिस को आपके घर की तलाशी लेनी पड़े तो इसके लिए उसे कोर्ट से आदेश / वारंट लेना ही पड़ता है . लेकिन पुलिस यदि किसी अपराधी को वारंट के साथ गिरफ्तार कर रही हो और अपराधी किसी घर , भवन या होटल में छिप गया हो ,तो उस परिस्थिति में पुलिस उस घर , भवन या होटल की बिना वारंट के तलाशी ले सकती है. ये अपराध और अपराधी की परिस्थितियों पर निर्भर करता है.

कभी कभी बिना वारंट के गिरफ्तार अपराधी जो किसी घर ,भवन या होटल में छिपे हो तो भी पुलिस घर की तलाशी बिना वारंट के ले सकती है. ऐसी कुछ परिस्थितियों में पुलिस अपराधी को पकड़ने के लिए घर , भवन या होटल के कमरे , खिडकियों इत्यादि को नुकसान भी पंहुचा सकती है. सामान्य तौर पर किसी भी घर , भवन या होटल की तलाशी के लिए पुलिस को एक अलग वारंट जिसे ” तलाशी वारंट ” कहते है , उसकी जरुरत पड़ती है. इसके साथ साथ यदि पुलिस को लगता है की आपके घर में किसी अपराध से सम्बंधित कोई जरुरी सबूत या प्रमाण छुपाया गया है , बिना अनुमति के हथियार रखा गया है , तो सबूत को जल्द से जल्द एकत्रित करने के लिए भी पुलिस आपके घर पर बिना किसी ” सर्च वारंट ” ( जिस पर तलाशी लेने वाले अधिकारी का रैंक और नाम लिखा होता है ) के तलाशी ले सकती है.

अगर आपके घर में कोई फंक्शन या पार्टी चल रही हो तो भी पुलिस आपके घर की तलाशी ले सकती है यदि उसके पास कोई पुख्ता सबूत हो जिससे ये साबित हो पाए की पार्टी की जगह पर या उसके बहाने कोई संगीन अपराध किया जा रहा है या उस अपराध से सम्बंधित कोई सबूत वहां मौजूद है.

 

Police किसी व्यक्ति को कितने दिनों तक अपनी हिरासत में रख सकती है ?

पुलिस यदि किसी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार करती है तो उस व्यक्ति को वह 24 घंटे ( गिरफ़्तारी की जगह से मजिस्ट्रेट तक जाने का समय छोड़कर ) से ज्यादा अपनी हिरासत में नहीं रख सकती है. पुलिस को 24 घंटे के अन्दर व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना ही होता है. यदि किसी कारणवश अपराधी को 24 घंटे से ज्यादा समय के लिए हिरासत में रखने की जरुरत पड़ती है तो इसके लिए पुलिस को मजिस्ट्रेट से एक विशेष प्रकार के आदेश पत्र प्राप्त करने की जरुरत पड़ती है. इस विशेष आदेश के द्वारा Police अपराधी को अतिरिक्त 15 दिनों तक अपनी हिरासत में रख सकता है मजिस्ट्रेट द्वारा दिए गए विशेष आदेश पत्र के द्वारा यदि किसी अपराधी ने संगीन और खतरनाक किस्म के अपराध किये हो जिसकी सजा उम्र कैद या फांसी हो सकती है , तो वैसे अपराधी के अपराध की जाँच के लिए दिए गए विशेष आदेश के अनुसार पुलिस अपराधी को 90 दिनों तक अपनी हिरासत में रख सकती है.   

 

Police Station Bail क्या होता है ?

जमानत का सीधे शब्दों में अगर अर्थ समझा जाये तो इसका मतलब रिहाई या मुक्ति  होता है . मतलब पुलिस ने यदि किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है तो गिरफ्तार व्यक्ति को छुड़ाने के लिए अपराधी के संबंधियों द्वारा कोर्ट से रिहाई की अपील कर कुछ शर्तो के अधीन कुछ निश्चित समय अंतराल तक रिहाई करवाने की कार्यवाही को ही जमानत कहा जाता है . आम भाषा में इसे पटवा भी कहा जाता है .

Police Station Bail

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Police Station Bail कितने प्रकार के होते है ?

Police Station Bail तीन प्रकार के होते है :

1. गिरफ्तारी के बाद कराया जानेवाला Police Station Bail

2. गिरफ़्तारी के पहले ही कराया जानेवाला Police Station Bail 

3. अंतरिम Police Station Bail

 

1. गिरफ़्तारी के बाद कराया जानेवाला Police Station Bail

गिरफ़्तारी के बाद कराया जानेवाला Police Station Bail भी दो तरह के होता है

(क) जमानतिए मामलो के अंतर्गत जमानत

जमानतिय मामलो के अपराध वो अपराध होते है जो खतरनाक और संगीन अपराधो की श्रेणी में नहीं आते है .जैसे :- चोरी, डकैती , मार पिट , लड़ाई , जमीनी विवाद इत्यादि .  यदि जमानतीय मामलो के अंतर्गत कोई किसी व्यक्ति के द्वारा कोई अपराध किया जाता है तो उस व्यक्ति के लिए ऐसा प्रावधान बनाया गया है की जब तक उसके मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती तब तक कुछ शर्तो के अधीन दोषी जेल से बाहर रहेगा .

(ख) अजमानतीय मामलो के अंतर्गत जमानत

अजमानतीय मामलो के अपराध वो अपराध होते है जो खतरनाक और संगीन अपराधो की श्रेणी में आते है . जैसे :- बलात्कार , हत्या , अपहरण ,देशद्रोह इत्यादि. वही अजमानतीय मामलों में किये गए अपराध के लिए जमानत नहीं होती है . लेकिन अजमानतीय मामलो का अपराधी जो की दुर्बल हो , कमजोर हो , स्त्री हो , रोगी या विकलांग हो या फिर उसकी उम्र 16 वर्ष से कम हो तो ऐसे मामले में कोर्ट अपने विवेक के आधार पर Police Station Bail दे सकता है .

 

2. गिरफ़्तारी के पहले कराया जानेवाला Police Station Bail

जब किसी व्यक्ति को किसी अजमानतीय मामले में ऐसा लगता है की वह गिरफ्तार हो सकता है तो वह व्यक्ति सेशन कोर्ट या हाई कोर्ट से अपील करके गिरफ़्तारी से पहले ही एक विशेष जमानत जिसे अग्रिम जमानत ( ANTICIPATORY BAIL ) कहते हैं , करा सकता है . अग्रिम Police Station Bail मिलने से व्यक्ति यदि गिरफ्तार होता है तो गिरफ़्तारी के तुरंत बाद ही छूट जाता है . इस प्रकार की अग्रिम Police Station Bail भी कोर्ट के द्वारा ही दिया जाता है . कुछ मामलो में कोर्ट अग्रिम Police Station Bail की याचिका को ख़ारिज भी कर सकता है . ये अपराध की प्रकृति और कोर्ट के विवेक पर निर्भर करता है.

 

3. अंतरिम Police Station Bail

अंतरिम जमानत दोषी को सामान्य या अग्रिम जमानत देने से पहले होनेवाली सुनवाई के पहले दोषी द्वारा कोर्ट से निवेदन करने पर दिया जाता है . यह एक प्रकार का कम से कम अवधि के लिए दिया जानेवाला Police Station Bail है.

 

 

अग्रिम Police Station Bail की क्या क्या  शर्ते होती है ?

किसी दोषी की अग्रिम जमानत करनेवाले व्यक्ति के साथ कुछ शर्ते लागू की जाती है तभी कोर्ट जमानत की मंजूरी देता है . ये शर्ते निम्न है :-

1. अपराधी को कोर्ट के द्वारा जब भी बुलाया जाये तो वह कोर्ट में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करेगा

2. अपराधी अपने खिलाफ गवाहों को न ही डरा के , धमका के या बलपूर्वक बदलने की कोशिश करेगा और न ही सबूतों को मिटाने की कोशिश करेगा

3. अपराधी कोर्ट की आज्ञा के बिना देश नहीं छोड़ेगा

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Police Station Bail कौन करवा सकता है ?

किसी जमानतीय मामले में गिरफ्तार हुए अपराधी की जमानत कोई भी व्यक्ति करा सकता है जो अपराधी के जान पहचान , रिश्तेदार या पास पड़ोस इत्यादि का हो . जमानत कराने के लिए कोर्ट को एक अर्जी देनी पड़ती है फिर कोर्ट जमानत की रकम निर्धारित करती है . कोर्ट जमानत के लिए जितनी रकम का निर्णय लेता है , जमानत लेने वाले व्यक्ति के पास उतनी ही रकम की प्रोपर्टी या धन का होना जरुरी है . नगद राशी कभी भी जमानत के रूप में कोर्ट में जमा नहीं कराई जाती है . जमानत लेनेवाले ब्यक्ति के धन सम्पति का व्योरा लेने के लिए कोर्ट व्यक्ति से सम्बंधित कागजो और दस्तावेजो की जाँच कर सकता है.
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