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MOA And AOA क्या होता है ?
MOA And AOA – पहले हम MOA की बात कर लेते हैं। MOA जिस की Full-Form Memorandum Of Association है। MOA एक Legal Document है जो कंपनी की Business Activity और Company की Shareholding के बारे में जानकारी को निदिर्ष्ट करता है। MOA कंपनी की Registration Process के लिए तैयार किया जाता है। ऐसे कभी कभी कंपनी का Charter भी कहा जाता है और कई बार Memorandum भी कहते हैं। कुछ देशों में MOA को RoC Compliance के रूप में File किया जाता है। जिसमे भारत में MGT – 7 और AOC4 जैसे आर्टिकल भी शामिल हैं।
India में कंपनी Compliance को आसान बनाने के लिए Ministry of Corporate Affairs (MCA) ने कंपनी Registration के लिए ऑनलाइन Filing शुरू कर दी है। MOA Shareholders के साथ कंपनी के संबंधो को Define करता है। ये कंपनी का सबसे जरूरी दस्तावेज है जो क्योकि ये कंपनी के Objective बताता है।
अब बात AOA यानि की Articles of Association की कर लेते है। AOA एक Secondary Document है जो कंपनी के द्वारा बनाये गए Rules & Regulations और Day Management के डिफाइन करता है साथ ही साथ Article में Director और Members के Rights, Responsibilities और Duties शामिल है। इसमे कंपनी के Audits और Accounts की इनफार्मेशन भी शामिल है।
हरेक कंपनी अपना एक अलग Article रखते है और ये जरूरी भी होता है। हालांकि जो Public Company शेयरों के द्वारा Limited है वो Article की जगह Table A को अपना सकती है। इसमे Internal Affairs और Management की जरूरी डिटेल्स भी शामिल है। ये कंपनी में मौजूद व्यक्तियों जैसे की Member, Employees, Director आदि के लिए तैयार किया जाता है।
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MOA And AOA में क्या Difference है ?
MOA And AOA में अंतर निम्नलिखित है :
- MOA एक दस्तावेज है जिसमे Registration के लिए जरूरी सारी Conditions होगी जबकि AOA एक दस्तावेज है जिसमे कंपनी से संबंधित सभी Rules & Regulations शामिल होगी।
- Memorandum of Association को धारा 2 (56) में Define किया गया है जबकि Article of Association को Indian Companies Act 1956 की धारा 2 (5) में Define किया गया है।
- MOA Company Act के लिए सहयाक है और AOA Memorandum of Understanding और Act दोनों के लिए सहयाक है।
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MOA And AOA की Importance क्या हैं ?
- MOA And AOA Activities की एक लिस्ट प्रदान करता है जो एक Organization कर सकती है।
- इस डॉक्यूमेंट का एक Objective Shareholder, Creditor और दूसरे Stakeholder तक जरूरी जानकारी फैलाना। ये Enterprise की Category और Strenght शो करता है।
- कंपनी का हर काम MOA And AOA के दायरे में होना चाहिए।
- ये कंपनी की Constitution है। ये कंपनी के लिए काम का Blueprint प्रदान करता है।
- AOA कंपनी और उसके मेंबर के बीच Internal Relationship को Define करता है।
- ये हर मेंबर के Right और Obligations को Define करता है।
- MOA को कंपनी का Definitive Charter माना जाता है।
- MOA को शमिल करने के लिए आपको कंपनी के Registrar के साथ मिलकर Memorandum दाखिल करना होगी।
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MOA And AOA के क्या – क्या उपयोग है ?
- MOA And AOA एक Particular Company को ले जाने वाली Business Activity की सीमा और दायरे को Establish करने में मदद करता है। कंपनी Business Activity का प्रदर्शन कर सकती है जो उन्होंने MOA में निदिर्ष्ट की होगी।
- MOA एक Legal Document है जो Limited Liability Companies पर लागू होता है। Limited Liability Companies में Private Limited Company और Limited Liability Partnership शामिल है।
- MOA कंपनी और उनके शेयरहोल्डर के बीच रिलेशन को Define करता है।
- MOA Public Record का एक डॉक्यूमेंट है।
- MOA में किसी Particular Company के लिए छूट और Tax भी शामिल होते है।
MOA And AOA के 6 Section ?
MOA And AOA के 6 खंड है :
- Name Section : कंपनी का नाम इसकी एक Unique Identity है। इसलिए Memorandum के Name Section में कंपनी के Authentic, Legal और Approved Name शामिल है।
- Domicile Section : इस सेक्शन में कंपनी के Registered Office की सारी डिटेल्स शामिल है। इसमे Registered Office के State या Union Territory के नाम होंगे पर Office का Address शामिल नहीं होगा। इसमे Nominated Registrants के नाम भी शामिल होंगे।
- Commodity Segment : इसमे कंपनी के कामों की एक सूचि प्रदान की जाती है। हर Objective और Operating कंपनी को Objective Section में Mention होना चाहिए। अगर कोई ऑपरेशन Objective Section में मेंशन नहीं है तो उसे कंपनी की पहुंच से बाहर माना जायेगा।
- Liability Clause : इसमे कंपनी के हर एक मेंबर के दायित्व को मेंशन किया जायेगा। ये Individual Partner के भागीदार होने के योगदान की अमाउंट को निदिर्ष्ट करता है।
- Capital Division : इसमे Share Capital Mention होगे जिसके साथ कंपनी रजिस्टर है। साथ ही साथ कैपिटल क्लॉज़ में शेयर के टाइप, हर शेयर की संख्या और हर शेयर के फेस वैल्यू भी मेंशन होगी।
- Membership Clause : इसमे शेयरहोल्डर के कंपनी की Incorporation के पीछे क्या Motive है ये बताया जाता है साथ ही साथ ये भी बताता है की Customer शेयर लेने के लिए सहमत है। ये हर एक कस्टमर के द्वारा उठाये गए शेयर के नंबर को निदिर्ष्ट करता है।
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नोट : ऊपर के नियमो को फॉलो करते हुए यदि आप खुद से MOA And AOA नहीं लें पा रहे है, तो आप हमारी टीम से Whatsapp No “6201197885” पर संपर्क करके ये काम करा सकते है.
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