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राजस्व विभाग

jamin jaydad me prayog honewale 11 mukhay shabdo ki jankari

Jamin Jayda se sambandhit important bhu – rajsav shabdawali ka gyan

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Jamin Jaydad में दाखिल खारिज या म्युटेशन (Dakhil Kharij / Mutation) क्या होता है ?

Jamin Jaydad में दाखिल खारिज या म्युटेशन का आम तौर पर मतलब होता है “जमीन या प्रॉपर्टी के मालिक का नाम बदलना”, अर्थात “Jamin Jaydad या प्रॉपर्टी के मालिकाना हक़ को एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति के नाम पर ट्रान्सफर करना”. इसी प्रक्रिया को “दाखिल खारिज कराना या म्युटेशन कराना” कहा जाता है. इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद आप अपनी खरीदी हुयी जमीन या प्रॉपर्टी के असली मालिक बन जाते है.

दाखिल खारिज या म्युटेशन जमीन या प्रॉपर्टी बिकने के बाद और रजिस्ट्री पेपर तैयार हो जाने के बाद ही कराया जाता है. जैसा की हम सब जानते है की जिस तरह हमारी जमीन या प्रॉपर्टी से सम्बंधित सभी सूचनाये हमारे जमीन के कागज़ में मौजूद रहती है. ठीक वैसे ही हम सभी के जमीन या प्रॉपर्टी की जानकारी का रिकॉर्ड सरकार भी अपने यहाँ दस्तावेज के रूप में रखती है, जिसे बोल-चाल की भाषा में  “रजिस्टर – 2” कहा जाता है.

जमीन या प्रॉपर्टी का दाखिल खारिज या म्युटेशन कराने के लिए दिए गए आवेदन के द्वारा सरकार  इसी “रजिस्टर – 2” में जमीन या प्रॉपर्टी के पुराने मालिक का नाम हटाकर आपका नाम चढ़ा दिया जाता है ताकि सरकार के Bhu-Rajasav रिकॉर्ड में नए मालिक का नाम चढ़ जाये. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि जमीन या प्रॉपर्टी से सम्बंधित लगान या टैक्स सही व्यक्ति से लिया जा सके.

 

 

Jamin Jaydad में जमाबंदी या शरद (Jamabandi or Sharad) क्या होता है ?

Jamin Jaydad में यह एक प्रकार का जमीन या प्रॉपर्टी सम्बन्धी दस्तावेज होता है जिस पर निम्नलिखित सूचनाये रहती है :

  1. जमीन के मालिक का नाम
  2. जमीन पर खेती करनेवाले / फसल उगाने वाले / काश्तकार का नाम
  3. जमीन का खाता नंबर
  4. जमीन किस खसरा में पड़ता है
  5. जमीन का प्रकार ( उपजाऊ / उनुपजाऊ / सिंचित जमीन / असिंचित जमीन )
  6. किस तरह की फसल उगाई जाति है
  7. जमीन पर कोई कर्ज / लोन / बंदिश / मुकदमा / बकाया टैक्स / शुल्क इत्यादि
  8. जमीन को किसी लीज पर दिया या लिया है की नहीं,  इत्यादि.

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Jamin Jaydad में खसरा नंबर या प्लॉट नंबर (Khasra Number / Plot Number) क्या होता है ?

जैसा की हम जानते है कि किसी गांव या नगर का क्षेत्र बहुत बड़ा होता है. उस बड़े जमीन के क्षेत्र को छोटे-छोटे भागों / हिस्मेंसे में बांटा गया होता है जिसे खेत या मकान कहा जाता है . हर खेत / मकान का कोई ना कोई मालिक होता है. उन छोटे-छोटे खेतों के मालिकाना हक को निर्धारित और सही तरीके से वर्गीकृत करने के लिए हर खेत / मकान / छोटे हिस्से को एक – एक खेत नंबर या मकान नंबर दिया जाना चाहिए ताकि खेत / मकान और उसके सही मालिक की सही पहचान हो सके.

इसी खेत नंबर / मकान नंबर को जमीन जायदाद की भाषा या जमीन जायदाद में या हिंदी में प्लॉट नंबर या खसरा नंबर कहा जाता है. कहीं- कहीं सर्वे नंबर” भी कहा जाता है. जैसे :- प्लॉट नंबर 208,  209 इत्यादि. कही कही एक प्लॉट के मालिक एक से अधिक भी हो सकते हैं. इसकी जानकारी जमीन के खतियान” या “केवाला” में दर्ज होता है.

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Jamin Jaydad में खाता नंबर या खेवट नंबर (Khaata Number / Khewat Number) क्या होता है ?

Jamin Jaydad में खाता नंबर या खेवट नंबर को सीधे शब्दों में समझा जाए तो यह बहुत सारे प्लॉट नंबर या खसरा नंबर का समूह होता है जिसमें 1 से ज्यादा प्लॉट / खसरा हो सकते हैं.  अंतर बस इतना है कि खाता नंबर, किसी एक परिवार या खानदान के हिस्से में आने वाले सारे प्लॉट / खसरा के लिए एक खाता नंबर दे दिया जाता है.

उदाहरण के लिए: –

मान लीजिये एक गांव में यदि 100 खेत / जमीन / प्लोट/ खसरा है जिसके अलग-अलग 100 मालिक है. उस जमीन/ मकान / खेत का प्लॉट नंबर 1 , 2 , 3 ……., 100 तक है.  अब गांव के 100 लोगों में 30 लोग एक परिवार / खानदान के है , 50 लोग दूसरे परिवार या खानदान के है , और बाकी 20 लोग तीसरे परिवार या खानदान के है जिनका प्लॉट नंबर क्रमशः 1 से 30 तक (पहले परिवार का टोटल प्लोट), प्लॉट नंबर 31 से  80  (दुसरे परिवार का टोटल प्लोट ) और बाकि प्लॉट नंबर 81 से 100 (तीसरे परिवार का टोटल प्लोट) है.

तो जमीन के मालिकाना हक को सही और सटीक तरीके से वर्गीकृत कर समझने के लिए सरकार उस गांव के तीनों खानदानो या परिवारों को एक-एक खाता नंबर दे देती है जिसमे उस परिवार के हिस्से की सारी प्लोट रखी / गिनी जाएगी.  जैसे:-

पहले परिवार को खाता नंबर 101 दिया जायेगा जिसमे पहले खानदान की सारी जमीन जो प्लॉट नंबर 1 से 30 तक है, वो आ जाएगी वैसे ही दूसरे परिवार को खाता नंबर 102 जिसके अंतर्गत दूसरे खानदान की सारी जमीन जो प्लॉट नंबर 31 से 80 तक है, वो आ जाएगी तथा वैसे ही शेष तीसरे परिवार को  खाता नंबर 103 दिया जाएगा जो जिसके अंतर्गत शेष बचे प्लॉट 81 से 100 तक की सारी जमीन आ जाएगी.

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Jamin Jaydad में खतौनी नंबर (Khatauni Number) क्या होता है ? 

Jamin Jaydad में खतौनी नंबर भी खाता नंबर या खेवट नंबर की ही तरह होता है. इसमें अंतर बस इतना होता है कि खाता नंबर या खेवट नंबर में जमीन के मालिक का नाम होता है जबकि खतौनी नंबर में जमीन पर खेती करने वाले व्यक्ति का नाम या फसल उगाने वाले व्यक्ति का नाम या का नाम होता है. खतौनी नंबर में एक खाते की कई प्लॉट या फिर कई खाते के बहुत सारे प्लॉट हो सकते हैं.

यह निर्भर करता है कि खतौनी का मालिक कितने लोगों का प्लॉट किराए पर फसल उगाने के लिए लिया है. इससे आपको यह भी पता चल सकता है कि कोई भी कास्तकार कितने जमीन पर खेती कर रहा है.उदाहरण के तौर पर:-

यदि आपके पास कुछ जमीन है जिसके मालिक आप खुद ही हैं तो आपके पास उस जमीन का खाता नंबर और प्लॉट नंबर होगा. लेकिन यदि आपने अपनी जमीन किसी दूसरे व्यक्ति को भाड़े पर / मालगुजारी पर / बटइया पर दे रखी है तो इस परिस्थिति में भाड़े या मालगुजारी पर लेने वाले व्यक्ति को एक खतौनी नंबर दिया जाएगा जिसमें व्यक्ति और व्यक्ति द्वारा किराए पर लिए गए सारे जमीन का विवरण होगा. एक खतौनी या खेवट नंबर की पर्ची पर निम्नलिखित सूचनाएं मौजूद रहती है :

1. ग्राम का नाम

2. वितीय वर्ष

3. हल्का का नाम

4. निर्वाचन क्षेत्र

5. तहसील

6.  जिला

7. भूमि धारक का नाम

8.  मापन की इकाई

9.  खाता संख्या

10.  काश्तकार का नाम

11. पिता का नाम

12. पता

13.  काश्तकार के अंतर्गत प्लॉट नंबर या खसरा नंबर का क्षेत्रफल

14. जमीन पर कोई लोन / कर्ज

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Jamin Jaydad में खतियान (Khatiyaan) क्या होता है ?

Jamin Jaydad के  मालिक की असली कागजात की बात की जाए तो खतियान ही एक ऐसा दस्तावेज होता है जो बताता है कि आप की जमीन आपसे पहले कितने लोगों के हाथ में थी. जमीन के रजिस्ट्री पेपर के साथ-साथ खतियान भी जमीन के सही मालिकाना हक को दर्शाता है. जमीन जायदाद में खतियान पर निम्नलिखित सूचनाएं रहते हैं :-

1. खाता संख्या

2. खातेदार व्यक्ति का नाम

3. खेसरा नंबर / प्लॉट नंबर

4 जमीन की चौहद्दी

5. जमीन का रकबा

6. जमीन की किस्म

7.  जमीन का मौजा

8. जमीन के पूर्व मालिक का नाम

 

 

 

Jamin Jaydad में रजिस्टर – 2 (Rajister-2) या पंजी – 2 क्या होता है ?

यह भी Jamin Jaydad संबंधी एक दस्तावेज होता है जो सरकार के पास रहता है. यह रजिस्टर सामान्य तौर पर संबंधित प्रखंड के अंचल कार्यालय में राजस्व कर्मचारी या हल्का कर्मचारी के पास होता है. इस रजिस्टर में व्यक्ति और जमीन जायदाद से संबंधित निम्नलिखित सूचनाएं मौजूद रहती है:-

1. जमीन का खाता नंबर

2. जमीन का प्लॉट नंबर या खेसरा नंबर

3. जमीन के खाता का खातेदारी व्यक्ति का नाम

4.  जमीन किस मौजा में पड़ता है

5. जमीन किस थाने के अंतर्गत आता है

6. जमीन का रकबा या क्षेत्रफल कितना है.

7. जमीन की किस्म क्या है सिंचित व असिंचित जमीन , इत्यादि

इससे जमीन का लगान भी निर्धारित किया जाता है .जमीन के सही मालिकाना हक का पता रजिस्टर 2 से ही चलता है , क्योंकि जब कोई व्यक्ति किसी जमीन की रजिस्ट्री कराता है तो रजिस्ट्री कराने के बाद जब वह जमीन का दाखिल खारिज या मोटेशन कराता है तो उस प्रक्रिया के अंतर्गत अपने संबंधित आंचल के अंचल कार्यालय में एक आवेदन देता है जो मोटेशन या दाखिल खारिज कराने  के लिए होता है .

फिर राजस्व कर्मचारी या हल्का कर्मचारी दाखिल खारिज के लिए प्राप्त आवेदन के आधार पर बिके हुए जमीन की सत्यता और शुद्धता की जांच रजिस्टर्ड  2 से करके उस जमीन का दाखिल खारिज करता है अर्थात रजिस्टर 2 में उस जमीन से संबंधित नए मालिक के विवरण की इंट्री करता है. ताकि यह निर्णय हो सके कि अब जमीन से टैक्स किस व्यक्ति से लेना है और बिके हुए जमीन का सही मालिक अब कौन है. इसमें पुराने जमीन के मालिक का नाम भी हटाकर खरीदने वाले नए मालिक का नाम रजिस्टर 2 में चढ़ाया जाता है.

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Jamin Jaydad में मौजा (Mauja) क्या होता है ?

Jamin Jaydad में मौजा किसी क्षेत्र की भूभाग का एक समूह होता है जिसमे बहुत से लोगो के जमीन – सम्बन्धी विवरण मौजूद रहता है. इसे एक उदहारण से समझने की कोशिश करते है:-

  •  अगर पुरे राज्य के जमीन को एक सीमा के अन्दर रखें तो उसे क्या कहेंगे ? –

उत्तर : राज्य

  • फिर राज्य के सभी जमीन को छोटे – छोटे टुकडो में बाट कर अलग – अलग समूह बनाया जाये तो प्रत्येक छोटे -छोटे समूह क्या कहलायेंगे ?

उत्तर : जिला

  • अब एक जिले में सभी जमीन को फिर छोटे – छोटे टुकडो में बाट कर अलग – अलग समूह बनाया जाये तो प्रत्येक छोटे – छोटे समूह को क्या कहेंगे ?

उत्तर :- अनुमंडल

  • अब एक अनुमंडल में सभी जमीन को फिर छोटे – छोटे टुकडो में बाट कर अलग – अलग समूह बनाया जाये तो प्रत्येक छोटे – छोटे समूह को क्या कहेंगे ?

उत्तर :- प्रखंड / अंचल / ब्लॉक

  • अब एक अंचल / ब्लॉक / प्रखंड के अंतर्गत आनेवाले सभी जमीन को फिर छोटे – छोटे टुकडो में बाट कर अलग – अलग समूह बनाया जाये तो प्रत्येक छोटे – छोटे समूह को क्या कहेंगे ?

उत्तर :- हल्का

  • अब एक हल्का के अंतर्गत आनेवाले सभी जमीन को फिर छोटे – छोटे टुकडो में बाट कर अलग अलग समूह बनाया जाये तो प्रत्येक छोटे – छोटे समूह को क्या कहेंगे ?

उत्तर :- मौजा

इसी तरीके से फिर एक मौजे के अन्दर कई खाता , कई खाते के अन्दर कई प्लाट संख्या होता है.

 

 

 

 

Jamin Jaydad में आमीन क्या होते हैं और इनका क्या काम होता है ?

Jamin Jaydad में अमीन वैसा व्यक्ति होता है जिसका काम जमीन को नापना है . अमीन भी दो प्रकार के होते हैं एक सरकारी अमीन और दूसरा प्राइवेट आमीन. सरकारी अमीन सरकार के आदेश के अनुसार ही किसी जमीन को नापते हैं . जैसे मुकदमे की जमीन , सर्वे की जमीन इत्यादि. जबकि प्राइवेट आमीन किसी भी तरह की जमीन को नाप सकते .  इन्हें किराए पर भी रखकर जमीन की नापी कराई जाती है.

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Jamin Jaydad में गुनिया क्या होता है ?

Jamin Jaydad में गुनिया एक प्रकार का मापक यंत्र होता है जो दैनिक जीवन में प्रयोग आने वाले प्लास्टिक या  स्केल के समान ही होता है. इसके ऊपर भिन्न-भिन्न दूरियों के लिए भिन्न-भिन्न चिन्ह / मार्क किए रहते हैं. इसकी लंबाई 2 इंच और चौड़ाई आधा इंच होती है .पहले जमीन पर स्पोर्ट् की लंबाई जरीब / कड़ी से नापते हैं फिर इसकी जांच नक्शे पर के जमीन को नाप के किया जाता है. उसी नक्शे पर की जमीन को नापने के लिए गुनिया का इस्तेमाल किया जाता है. कहीं कहीं इसे गनट्री गुनिया कहा जाता है.

 

Jamin Jaydad में जरीन  / जरीब क्या होता है ?

Jamin Jaydad में जरीब भी एक प्रकार का एक मापक यंत्र है जिससे जमीन को मापा जाता है. जिस तरीके से गुनिया या कंट्री  गुनिया का इस्तेमाल नक्शे पर की जमीन को नापने के लिए किया जाता है , उसी प्रकार  जमीन को नक्शे पर नापने के बाद स्पॉट पर जमीन का क्षेत्रफल मापने के लिए जरिन / जरीब का इस्तेमाल किया जाता है. जरीब तीन प्रकार के होते हैं :-

1.  गनट्री जरीब

2. मीट्रिक जरीब

3.  शाहजहानी जरीब

इन तीनो जरीब में सबसे ज्यादा प्रयोग में आने वाला जरीब गनट्री जरीब होता है

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Jamin Jaydad से सम्बंधित सवाल और उनके जबाब (FAQ)

प्रश्न :  मान लीजिए एक प्लाट है जिसका संख्या 440 है और उसमे कूल रकबा ४८ डिसमिल है.अब खतियान में कल्लू महतो का नाम है जो ४८ डिसमिल है और रजिस्टर 2 में रंजित सिंह और सजाय सिंह का नाम है.जो पूरा ४८ डिसमिल है तो जमीन किसकी होगी. समस्या ये है की जमीन तो खरीद लिया गया लेकिन 50 साल पहले लिया गया था, लेकिन खतियान में 48 डिसमिल नहीं कटा और अब खतियान वाले उस जमीन पर दावा कर रहे है. तो अब कैसे क्या होगा और जमीन का असली मालिक कौन होगा ?

उत्तर : जमीन रंजित सिंह और संजय सिंह के नाम से मानी जाएगी क्युकी –

1. रंजित सिंह और संजय सिंह के उनके द्वारा ख़रीदे गए जमीन का वैध कागज़ होगा.

2 . रजिस्टर 2 ही लेटेस्ट होता है क्युकी जमीं खरीदते के बाद म्युटेशन के दौरान इसे अपडेट किया जाता है

 

प्रश्न :  अगर हम “power of attorney” वाले से जमीन ले रहे है तो हमें क्या क्या जानकारी मालूम कर लेना चाहिए उस प्लाट के बारे में?

उत्तर : इसके लिए सबसे पहले अपने जमींन के सम्बंधित अंचल कार्यालय में जाकर रजिस्टर २ में जमीन के मालिकाना हक़ के बारे में जरूर पता करे की जमीं का असली मालिक कौन है. इसके साथ आप और जानकारी भी जरूर चेक करें . जैसे:

– जमीं का रसीद कब से कट रहा है,

– जमीन का रसीद किसके नाम से कट रहा है

– जमीन के मालिकाना हक़ में कोई और साझेदार (भाई, पिता, चाचा इत्यादी) तो नहीं है-

– जमीन का खाता संख्या , प्लाट संख्या , रकबा, चौहदी सही है की नहीं इत्यादी

 

प्रश्न :   महोदय, मैंने एक व्यक्ति जिसकी अकृषक भूमि खतौनी के अनुसार 1 बीघा है, में से एक 200 वर्ग गज़ प्लॉट 2018 में खरीदा| तब मुझे 143 या नक्शा पास के बारे में जानकारी नहीं थी, अब मुझे क्या करना चाहिए और प्लॉट वैध तो माना जायेगा ना, क्योंकि रजिस्ट्री स्टांप सब हो चुका है| कृपया बताने का कष्ट करें|

उत्तर : सबसे पहले जमीन की ऑनलाइन एंट्री कन्फर्म करे. लगान टाइम पे कटाते रहे. अंचल ऑफिस जाकर रजिस्टर 2 में अपने जमीन की एंट्री कन्फर्म करे और अगर म्युटेशन नहीं जुआ है तो जरूर कराये . बाकि यदि पेपर आपके नाम से है तो निश्चित रहे.

 

 

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