Tax क्या होता है ?

Tax – टैक्स का मतलब है किसी Goods, Services या Income या Activity पर लगाया गया शुल्क है। ये टैक्स Central और State Government के द्वारा वसूल किया जाता है। दो तरह के टैक्स  होते हैं। Direct टैक्स और Indirect टैक्स . Direct टैक्स सीधे व्यक्ति से कलेक्ट किया जाता है जैसे की Income टैक्स  और Indirect टैक्स किसी भी Goods & Services पर लगाकर वसूला जाता है। जैसे कि Goods & Services टैक्स . Indirect Tax में व्यक्ति टैक्स का भुगतान दूसरो से वसूल करता है। 

जो राशि राज्य के द्वारा Individuals या Various Entities ली जाती है उसे टैक्स कहते हैं। राष्ट्र के अंदर आने वाले Various Institute अलग अलग टैक्स लगाते हैं। टैक्स कलेक्ट करने का मुख्य उदेश नागरिको के लिए Good & Services उपलब्ध करवाने के लिए धन इकठा करना। जैसे की सड़क, सावर्जनिक शौचालय, पब्लिक ट्रांसपोर्ट आदि।   

देश की Economy को बढ़ावा देने और नागरिकों के Standard of Living को ऊपर उठाने के लिए सरकार नागरिकों पर कर लगाकर Income Generate करती है। 

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Tax कितने प्रकार का होता है ?

टैक्स दो प्रकार का होता है :

  • Direct Tax 
  • Indirect Tax 

Direct Tax : वो टैक्स होता है जिसका भुगतान व्यक्ति या Legal Entity को सीधा सरकार को करना होता है। डायरेक्ट टैक्स Central Board of Direct Taxes (CBDT) के द्वारा अनदेखा कर दिया जाता है। डायरेक्ट टैक्स को किसी व्यक्ति या Legal Entity को Transfer नहीं किया जाता। Income टैक्स , Capital Gains, Securities Transaction टैक्स, Corporate टैक्स और Gift टैक्स  डायरेक्ट टैक्स के प्रकार हैं।

Indirect Tax : Services और Products पर टैक्स को Indirect Tax कहा जाता है। Indirect टैक्स  Service या Product के Seller द्वारा कलेक्ट किया जाता है। ये सेवा या उत्पाद की कीमत को बढ़ाता है। आज के समय में सरकार के द्वारा केवल एक Indirect टैक्स ही लिया जाता है जिसे GST भी कहते हैं।

GST एक Consumption टैक्स है जो इंडिया में गुड्स और सर्विस की आपूर्ति पर लगाया जाता है। सामान या वैल्यू ऐड करनी की प्रक्रिया GST के अधीन है। ये End Customer को छोड़ कर उन सभी Parties को वापिस किया जायेगा जो Production Process में शामिल थी।

GST के आने से अन्य टैक्स और ड्यूटी समापत हो गयी है। जैसे की Value Added टैक्स,  Octrol, Customs Duty, Central Value Added और Customer Duty और Excise Duty . Electricity, Alcohol Beverages और Petroleum Product पर GST के तहत टैक्स नहीं लगाया जाता।    

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Tax भरने के क्या क्या लाभ हैं ?

  • टैक्स का भुगतान सुनिश्चित करता है की सरकार के द्वारा प्रदान की जा रही Services बिना किसी रूकावट के नागरिकों को मिलती रहेगी। 
  • व्यक्ति Loan लेने के लिए या Credit Card के लिए अप्लाई करने के लिए Income Tax Return डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं। 
  • टैक्स से प्राप्त होनी वाली राशि की मदद से सरकार नागरिकों को सुविधाएं देती है जो नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार लाती हैं। 
  • सरकार Army Infrastructure, Security of Civilans, Adminstative Services आदि के में विकास करती है।  

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 अन्य टैक्स कौन से हैं ?

  1.  Property Tax : इस को Real Estate टैक्स और Municipal टैक्स भी कहते हैं। Residential और Commercial Property Owner प्रॉपर्टी टैक्स के अधीन हैं। हर एक शहर में मौजूद Municipal Bodies के द्वारा टैक्स लगाया जाता है। 
  2. Entertainment टैक्स :  ये कर Television Series, Films, Exhibition आदि पर लगाया जाता है।    
  3. प्रोफेशनल टैक्स :  ये कर उन लोगों पर लगता है जो किसी Profession का अभियास करते है या Salary Earned करते हैं जैसे की वकील, Chartered Accontant, डॉक्टर आदि। ये कर हर राज्य में अलग – अलग है। हर राज्य Business कर नहीं लेता। 
  4.  Educational Cess :  ये कर Educational Program को Fund देने के लिए भारत की सरकार के द्वारा शुरू किया गया है। 
  5. Road टैक्स और Toll टैक्स : ये टैक्स सड़क और टोल Infrastructure को Maintain करने के लिए शुरू किया है। 
  6. एंट्री टैक्स : ये कर किसी भी राज्य में एंटर हो रहे प्रोडक्ट या गुड्स पर लगाया जाता है। विशेष रूप से E – Commerce के माध्यम से ये दिल्ली, असम, गुजरात और मध्यप्रदेश में लागु है।    

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Tax Evasion से संबंधित Rules और Penalty क्या है ?

भारतीय सरकार के द्वारा टैक्स से संबंधित कुछ Act बनाये गए हैं। नागरिकों के लिए इन Act को फॉलो करना जरूरी है। 

  1. Section 14DA (1) के अनुसार अगर कोई व्यक्ति मूल राशि या ब्याज पर टैक्स समय पर नहीं भरता या टैक्स भरने में विफल हो जाता है तो उसे Defaulter माना जायेगा।
  2.  Section 221 (1) के अनुसार Tax Officer बकाया राशि पर बराबर फाइन लगा सकता है।
  3. Section 271 (c) के अनुसार अगर कोई Assessee Income को छुपाता है तो उस पर 100 % या 300 % फाइन लग सकता है।
  4. Section 142 (1) या 143 (2) के अनुसार अगर कोई डिफाल्टर Notice का कोई जवाब नहीं देता है तो टैक्स अफसर उसे Return File करने के लिए कह सकता है या लिखित रूप में Property और Liability के सभी डिटेल्स प्रस्तुत करने के लिए कह सकता है।  

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नोट : ऊपर के नियमो को फॉलो करते हुए यदि आप खुद से टैक्स जमा नहीं करा पा रहे है, तो आप हमारी टीम से Whatsapp No “6201197885” पर संपर्क करके ये काम करा सकते है.

 

प्रिये पाठको ! यदि Tax से संबंधीत कही कोई दिक्कत या परेशानी आ रही हो, तो हमें कमेंट करके जरूर बताये. और यदि इस नियम को किसी जरूरतमंद तक पहुचाने से उसका भला हो रहा हो, तो इसे शेयर करके ये नेक काम जरूर करें.

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