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GST Return क्या होता है ?
GST Return – GST Return एक डॉक्यूमेंट है जिसमे सभी Income / Sales और Expenditure / Purchase की डिटेल्स होती है, जिसे एक Taxpayer को Tax Administrative Authorities के साथ फाइल करने की जरूरत होती है। इसका उपयोग Net Tax Liability कैलकुलेट करने के लिए Tax Authority के द्वारा किया जाता है।
GST के तहत एक Registered Dealer को GST Return फाइल करना होता है, जिसमे निम्नलिखित पॉइंट शामिल है :
- Purchase
- Sale
- Output GST (सेल्स पर)
- Input Tax Credit (खरीदी पर चुकाया गया GST)
सभी Registered Businesses को बिज़नेस के आधार पर Monthly या Quarterly और Annual GST फाइल करना जरूरी होता है। ये सारी GST Filling, GST Portal पर की जाती है।
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GST Return किसे File करना चाहिए ?
GST Regime में, किसी भी Regular Business में Annual Total Turnover के रूप में 5 करोड़ से ज्यादा होने पर दो Monthly Return और एक Annual Return दाखिल होता है। ये एक साल में 26 Return के बराबर है।
QRMP Scheme के तहत Quarterly GSTR 1 फाइल करने वालो के लिए GSTR Filling की संख्या अलग – अलग है। GSTR Filing संख्या 9 है, जिसमे GSTR 3 B और Annual Return शामिल है।
Special Case में जैसे की Composition Dealer द्वारा File करने के लिए अलग Return की जरूरत होती है, जिसकी GST Filling की संख्या एक साल में 5 है।
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GST Return कितने Type की है ?
GST Return की Types निम्नलिखित है :
- GSTR 1 : ये Tax Period के दौरान किए गए Sales Transaction के बारे में एक Detailed Report है। GST Regime के तहत रजिस्टर्ड एक Normal Taxpayer को इसे File करना चाहिए। इसमें किसी भी क्रेडिट और डेबिट नोट की रिपोर्ट करना भी शामिल है। Sale Invoice में किए गए किसी भी चेंज को GSTR1 की Return करते समय शामिल किया जाता है। GSTR 1 को Monthly दाखिल किया जाना चाहिए। हालांकि जिन Taxpayer की Turnover Financial Year में 1.5 करोड़ से ज्यादा नहीं है वो इसे Quarterly भर सकते है।
- GSTR 2 A : ये एक रिटर्न है जिसमें Tax Period के दौरान Registered Suppliers से की गयी सभी खरीदारी की डिटेल होती है। ये Read only Return है। ये रजिस्टर सप्लायर द्वारा उनके GSTR1 Return में दर्ज किए गए Data के बेस पर आपकी रिपोर्ट में सीधे दिखाई देता है।
- GSTR 2 : ये Tax Period के दौरान Register Suppliers से की गयी खरीददारी की रिपोर्ट है। GSTR 2A की सारी डिटेल्स GSTR 2 में रिफ्लेक्ट होंगी। ये Ordinary Taxpayer के द्वारा फाइल किया जाता है। GSTR-2 की Filling को Temporary Suspended कर दिया गया है।
- GSTR 3 : ये सभी Outward Supplies, Purchases, Claimed किये गए Input Tax Credit के साथ साथ किसी भी Tax Liability और Payment किये गए टैक्स के बारे में एक Summary Return और Monthly Return है। ये व्यक्ति के GSTR 1 और GSTR 2 Filling के आधार पर Automatically Generate होता है। ये Temporarily Suspended है।
- GST Return – 3 B : ये GST में रजिस्टर Ordinary Taxpayer के द्वारा File किया जाना चाहिए। ये एक Monthly Self – Declaration है जिसमे Outward Suppliers, Input Tax Credit Claim, Tax Liability और भुगतान किए गए Taxes की हर एक डिटेल प्रदान की जाएगी।
- GST – 4 / CMP 08 : ये रिटर्न Taxpayer को फाइल करना होता है अगर उन्होंने Composition Scheme को चुना है। CMP 08 वो कर है जिसने पहले GSTR 4 को बदल दिया है। इसे Quarterly फाइल करना होता है।
- GSTR 5 : ये रिटर्न Non – resident Foreign टैक्सपेयर के द्वारा फाइल किया जाता है जो भारत में बिज़नेस ट्रांसक्शन करते है। इस रिटर्न के साथ Input Tax Credit क्लेम , Outward Suppliers, Purchases, टैक्स लायबिलिटी की डिटेल्स शामिल है।
- GSTR 6 : इस रिटर्न को Input Service Distributor (ISD) के द्वारा Monthly फाइल किया जाता है। इसमे ISD के द्वारा प्राप्त और वितरित इनपुट टैक्स क्रेडिट की डिटेल शामिल है।
- GSTR 7 : ये रिटर्न उन लोगो के द्वारा Monthly फाइल किया जाता है, जिन्हे TDS काटने की जरूरत होती है।
- GSTR 8 : इस रिटर्न को E – Commerce Operator Monthly फाइल करते है जिनके लिए TCS जमा करना जरूरी है। इसमे E – Commerce प्लेटफार्म पर की गयी Supplies और TCS Collection की डिटेल्स शामिल होगी।
- GSTR – 9 : GST के तहत रजिस्टर करदाता को ये रिटर्न Annually फाइल करना होता है।
- GSTR 9A : कम्पोजीशन स्कीम के तहत रजिस्टर टैक्सपेयर को ये सालाना फाइल करना होता है।
- GSTR 9C : ये रिटर्न एक Reconcillation Statement है वो टैक्सपेयर जिसका टर्नओवर हर 2 करोड़ हर फाइनेंसियल ईयर में दाखिल करना है।
- GSTR 10 : किसी भी व्यक्ति का Registered Status कैंसिल या सरेंडर कर दिया गया हो उसे ये फाइल करना होता है।
- GST Return11 : ये रिटर्न उन लोगों के द्वारा फाइल किया जाता है जिन को UNI यानि की Unique Identification Number किसी भी Goods & Services की खरीदी पर Refund का लाभ उठाने के लिए जारी किया गया हो।
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GST Return के लिए Penalty क्या है ?
GST Return लेट फाइल पर पेनल्टी लगती है इसे Late Fees कहा जाता है। GST Law के अनुसार CGST और SGST के लिए 100 रु के साथ 200 रु प्रति दिन जुर्माना लगेगा। अगर Penalty Rate में कोई बदलाव किया जायेगा तो उसके बारे में आपको पहले जानकारी दी जाएगी। Fine की Maximum Amount 5000 रु है।
Late Fees के साथ व्यक्ति को 18 % Interest Rate प्रति वर्ष का भुगतान करना होगा। इस ब्याज की Calcualtion Pay की जाने वाली Tax की Total Amount के आधार पर की जाएगी।
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Source & Credit : gst.gov.in
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