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10 Effective Points About GST Invoices Online in Hindi

GST Invoices क्या होता है ?

GST Invoices – GST जिसकी Full – form Goods & Services Tax है एक Indirect टैक्स है जो Goods & Services की Manufacturing, Sell और Composition पर लगता है। ये एक अलग टैक्स है जो Manufacture से User तक माल की आपूर्ति पर लगाया जाता है। GST जारी करने के बाद बिल देना बहुत ही जरूरी हो गया है, साथ ही साथ Tax Payer को E-invoices या Electronic Invoice भी Generate करना होता है।  

GST Invoice में व्यक्ति एक लिस्ट में वो जो भी Goods & Services बेच रहा है उसकी जानकारी देता है और Pay की गयी अमाउंट की जानकारी होती है। सारे Business, ERP या Billing Software का दिया हुआ Format ही Use करते है, पर Standard Format न होने के कारण Billing Software पर Generate किये गए Invoice को दूसरे Software रीड नहीं कर पाते। इस वजह से Data, Manually भरा जाता है।

इस Problem को दूर करने के लिए GST Council, Eco – system में E – Invoices का Standard System तैयार कर रहे हैं जिसमे Error कम होंगे, दूसरे सॉफ्टवेयर आसानी से रीड क्र सके और Manual Data Entry कम हो।  

 

GST के अंतर्गत Invoice एक सिस्टम है जिसमे सप्लाई की रसीद को GSTN Network के माध्यम से Electronically Verified किया जाता है। Invoice Registration Portal द्वारा, हर रसीद को एक Identification Number जारी किया जाता है। E – invoice System के द्वारा रसीद की सारी डिटेल्स को GST Portal और e-way Bill Portal पर ट्रांसफर कर दिया जाता है। इस से GSTR 1 भरते समय व्यक्ति को दोबारा से एंट्री नहीं करनी पड़ती। E – invoice B2B Transaction के मामले में ही लागु होता है।   

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GST Invoices किसे जारी करना चाहिए ?

अगर किसी व्यक्ति का Registered Business है तो उसे अपने Customers को Services की बिक्री के लिए GST Invoices जारी करना होगा। GST Register Seller ही आपको GST Complaint Purchase Invoice प्रदान करेगा।

 

 

GST Invoices के लिए क्या क्या Mandatory Field है ?

आम तौर पर GST Invoices “Tax Charge” करने और “Input Tax Credit” को पास करने के लिए जारी किया जाता है। एक GST में निम्नलिखित Mandatory Field होने चाहिए :

  • Invoice Number और Date
  • Customer Name
  • Shipping & Billing Address
  • HSN Code / SAC Code
  • Taxpayer और Customer का GSTIN
  • Supply का स्थान
  • आइटम की डिटेल (जैसे की Quantity, Unit – मीटर, किलोग्राम)
  • Taxable Value & Exemption
  • Supplier के Sign
  • क्या GST Reverse Charge के आधार पर है  

अगर Recipient Registered नहीं है और उसका मूल्य 50, 000 से ज्यादा है तो उसके लिए निम्नलिखित Invoice जरूरी है :

  • Recipient का नाम और पता 
  • Delivery Address 
  • State का नाम और Code 

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GST Invoices कब जारी करना चाहिए ?

GST Invoices निम्नलिखित मामलो में जारी किया  जाता है :

GST Act के द्वारा GST Tax Invoice, Revised GST Bill, Debit Note और Credit Note को जारी करने के लिए Time Limit को Define किया है :

  1. Goods (Normal Case में) : Removal / Delivery की तारीख से पर या पहले 
  2. Goods (Continuos Supply) : Account Statement / Payment की तारीख से पहले या उस तरीख पर 
  3. Services (General Case) : Services की Supply के 30 दिन के अंदर 
  4. Services (Banks और NBFCs) :  Services की Supply के 45 दिन के अंदर 

 

 

GST Invoices की Types क्या है ?

GST Invoices के प्रकार निम्नलिखित हैं :

  1. Tax Invoice : GST के तहत कोई भी रजिस्टर व्यक्ति Goods & Services की Supply करता है उसे अपने कस्टमर को Tax Invoice जारी करना होता है। Services की सप्लाई के मामले में 30 दिन के अंदर अंदर Invoice जारी करना होता है। छोटे डीलर के लिए अगर Tax Invoice की अमाउंट 200 रु से कम है तो उन्हें कोई चालान यानि की Invoice जारी नहीं किया जायेगा। और अगर अमाउंट 200 रु से ज्यादा है तो Tax Invoice जारी करना जरूरी होता है।
  2. Bill Of Supply : Bill of Supply GST Regime का नया Concept है। जिस व्यक्ति ने Composition Scheme चुनी है और जो छूट वाली Goods & Services की Supply करता है उसे सप्लाई का बिल जारी करना होगा। Recipient Bill of Supply के आधार पर Input Tax Credit का दावा नहीं कर सकता। अगर रजिस्टर्ड व्यक्ति 200 रु से कम कीमत की वस्तुओं या सेवाओं की सप्लाई करता है तो Bill of Supply Issue करना Optional है। वो इन छोटे बिलों के लिए बिल ऑफ़ सप्लाई जारी करने या न करने का विकल्प चुन सकता है।
  3.  Receipt Voucher : जब कोई व्यक्ति अपने कस्टमर से Advance प्राप्त करता है तो उसे  तरह की Payment के लिए Receipt Vochure जारी करना होता है।
  4. Refund Voucher:  अगर Buyer को रसीद वाउचर जारी कर दिया गया है लेकिन अभी सप्लाई नहीं की गयी तो रजिस्टर व्यक्ति को रिफंड वाउचर जारी करना होगा।
  5. Payment Voucher : जब एक रजिस्टर्ड व्यक्ति GST के अंदर किसी Unregister व्यक्ति से किसी भी तरह की Goods & Services प्राप्त करता है तो उसे Reverse Charge के तहत उस Supplier को Payment Voucher जारी करना जरूरी होता है।  
  6. Debit Note & Credit Note : अगर Seller को लगे की उसे Goods & Services के वास्तविक मूल्य से कम पैसे मिले हैं तो वे Buyer को Debit Note जारी कर सकता है। Seller को इस तरह के डेबिट नोट जारी करने के समय पर महीने के जीएसटी रिटर्न के मूल्य की घोषणा करना जरूरी होता है। किसी सेलर के द्वारा Buyer को माल लौटने पर या सप्लाई के मूल्य में कमी या दोनों के छूट के दावों के मामले में Credit Note जारी किया जाता है 
  7. ISD Invoice : एक ही PAN के अंतर्गत Constitute, Branches के बीच में Input Tax Credit Distribute करने के लिए ISD Invoice जारी किया जाता है। 

 

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Source & Credit : gstgovin 

 

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नोट : ऊपर के नियमो को फॉलो करते हुए भी यदि आप खुद से GST Invoices नहीं बना पा रहे है , तो आप हमारी टीम से Whatsapp No “6201197885” पर संपर्क करके उनसे भी GST Invoices बनवा  सकते है.

 

प्रिये पाठको !  यदि इस नियम को किसी जरूरतमंद तक पहुचाने से उसका भला हो रहा हो, तो इसे शेयर करके ये नेक काम जरूर करें.

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